राजस्थान में बंदरों की बढ़ती संख्या जहां आम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है तो वहीं लोगो के लिए भी बंदरों को पकड़ना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। खास बात यह है कि बंदर पकड़ने के लिए लोगो को बन्दर पकड़ने (Monkey Catcher) नहीं मिल रहे हैं और न ही (Monkey Catcher helpline Number) (https://saferescueteam.in/)
आलम यह है कि मेट्रो स्टेशनों, बाजारों और अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डों समेत अन्य इलाकों में रोजाना आम लोगों का सामना आतंकी बंदरों से हो रहा है।ये आतंकी बंदरों को पकड़ने के लिए Monkey Catcher ghaziabad ,Monkey Catcher meertu आदि स्थान पर देख चुके हैं लेकिन कोई नहीं मिला अब यह विवाद शुरू हो गया है कि बंदरों को पकड़ेगा कोंन राजस्थान में बन्दरो को पकड़ने के लिए सिर्फ एक टीम हैं जो इस समस्या का हल निकल सकती हैं Monkey Catcher (Safe Rescue Team)
Safe Rescue Team Venture (Monkey Catcher service) देती हैं जो बन्दरो को पकड़ कर जंगललो में छोड़ने का काम करती है जिस से ये बंदर शहर और गांव में उत्पात न कर सके
वर्तमान में (Rajasthan me Monkey )में बन्दरो की संख्या में काफी बढ़ चुकी हैं और बंदरों की इस बढ़ती संख्या आम लोगो के लिए बहुत ज्यादा मुसीबत बन रही हैं । और ये ही हल वतमान में दिल्ली में भी देखने को मिल रहा हैं
DEHLI में भी बन्दरो का आतंक बढ़ रहा है दिल्ली निगम के तहत वसंत कुंज, साकेत, ओखला, सैनिक फार्म और छतरपुर समेत अन्य इलाकों में बंदरों की भारी तादाद है। यह बंदर अब लोगों को निशाना बना रहे हैं।
DEHLI ME बन्दरो का आतंक एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में वर्ष 2018 में बंदरों के काटने से 950 लोग घायल हुए थे। इस साल भी बंदरों के काटने, बंदरों द्वारा सामान छीनने और बंदरों द्वारा कारोबारियों को परेशान करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
दिल्ली में बढ़ते बंदर
वहीं उत्तरी दिल्ली में बंदरों की संख्या सबसे अधिक है। यहां तीस हजारी, बाड़ा हिंदू राव, मॉडल टाउन, चांदनी चौक, सदर बाजार, सिविल लाइन, मजनूं का टीला, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जीटीबी नगर और इंद्रलोक समेत अन्य इलाकों में बंदरों के आतंक से लोग बेहद परेशान हैं। हालात ऐसे हैं कि दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशनों पर भी बंदरों के हमलों की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
बन्दरो का आतंक
वर्तमान में बन्दरो को पकड़ने के लिए जयपुर की (Monkey Catcher Safe Rescue Team ) एक बहुत अचछी टेंम हैं सेफ रेस्क्यू टीम हैं उत्पति बन्दरो को पकड़ कर ऊन्हे अपने वाहन के द्वारा जंगलो में छोड़ने का। काम करती। हैं जिस से लोगो को किसी भी प्रकार की को प्रॉब्लम न हो सके दिल्ली में नहीं हैं बन्दरो पकडने वाले दिल्ली में एक बंदर को पकड़ने का बजट को बढ़ाकर 2400 रुपए कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बंदर पकड़ने का काम वन विभाग का होता है लेकिन बंदर पकड़ने का जिम्मा निगम को सौंपा हुआ। चूंकि निगम को बंदर पकड़ने वाले नहीं मिल रहे हैं। इसलिए इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार के पास भेजा गया है कि वह बंदरों की पकड़ने की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपे।।
पुलिस मुख्यालय की नई बिल्डिंग में भी बंदरों का आतंक
नई दिल्ली में बंगला साहिब गुरुद्वारे के पास दिल्ली पुलिस मुख्यालय की नई बिल्डिंग बनाई गई है। इस इलाके में बंदरों की संख्या अधिक होने के कारण बिल्डिंग में कई उपकरण भी नहीं लगाए जा सके हैं। बिल्डिंग के कुछ हिस्से में अभी शीशे लगाने का काम जारी है लेकिन बंदरों के आतंक को लेकर यहां पर भी लोगों में दहशत है।
Hanuman Considers Monkey As
बन्दरो का आतंक वर्तमान में काफि बढ़ गया हैं और इस का कोई पका इलाज अभी सरकार ने नहीं निकला हैं क्यों की इंडिया में बन्दर को हनुमान के रूप में मानते है और इन्हें भोजन के रूप में अनेक फल खिलते है इस लिए इस का अभी तक कोई पका इलाज नहीं हुआ है क्यों की बन्दरो को पकड़ने वाले है