Rajasthan me आतंकी बंदर
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राजस्थान में बंदरों की बढ़ती संख्या जहां आम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन रही है तो वहीं लोगो के लिए भी बंदरों को पकड़ना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
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खास बात यह है किबंदर पकड़ने के लिए लोगो को बन्दर पकड़ने (Monkey Catcher) नहीं मिल रहे हैं और
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(Monkey Catcher helpline Number)Monkey catcher near me
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https://saferescueteam.in/
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monkey catcher helpline number near me
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आलम यह है कि मेट्रो स्टेशनों, बाजारों और अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डों समेत अन्य इलाकों में रोजाना आम लोगों का सामना आतंकी बंदरों से हो रहा है।
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ये आतंकी बंदरों को पकड़ने के लिएMonkey Catcher in Ghaziabad ,Monkey Catcher in Meerut आदि स्थान पर देख चुके हैं लेकिन कोई नहीं मिला
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अब यह विवाद शुरू हो गया है कि बंदरों को पकड़ेगा कोंन
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Monkey Catcher (Safe Rescue Team)
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https://m.facebook.com/saferescueteam01/
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वर्तमान में (Rajasthan me Monkey )में बन्दरो की संख्या में काफी बढ़ चुकी हैं और बंदरों की इस बढ़ती संख्या आम लोगो के लिए बहुत ज्यादा मुसीबत बन रही हैं ।
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हल वतमान में दिल्ली में भी देखने को मिल रहा हैं देहली में भी बन्दरो का आतंक बढ़ रहा है दिल्ली निगम के तहत वसंत कुंज, साकेत, ओखला, सैनिक फार्म और छतरपुर समेत अन्य इलाकों में बंदरों की भारी तादाद है। यह बंदर अब लोगों को निशाना बना रहे हैं।
- monkey catcher in delhi
Terror of monkey in Dehli
DEHLI ME बन्दरो का आतंक एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में वर्ष 2018 में बंदरों के काटने से 950 लोग घायल हुए थे।
इस साल भी बंदरों के काटने, बंदरों द्वारा सामान छीनने और बंदरों द्वारा कारोबारियों को परेशान करने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
दिल्ली में बढ़ते बंदर(Terreor of monkey)
वहीं उत्तरी दिल्ली में बंदरों की संख्या सबसे अधिक है। यहां तीस हजारी, बाड़ा हिंदू राव, मॉडल टाउन, चांदनी चौक, सदर
बाजार, सिविल लाइन, मजनूं का टीला, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जीटीबी नगर और इंद्रलोक समेत अन्य इलाकों में बंदरों के आतंक से लोग बेहद परेशान हैं।
(terror of monkey)monkey catcher in ghaziabad
हालात ऐसे हैं कि दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशनों पर भी बंदरों के हमलों की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
बन्दरो का आतंक
वर्तमान में बन्दरो को पकड़ने के लिए जयपुर की (Monkey Catcher Safe Rescue Team ) एक बहुत अचछी टेंम हैं से
monkey catcher near me phone number
फ रेस्क्यू टीम हैं उत्पति बन्दरो को पकड़ कर ऊन्हे अपने वाहन के द्वारा जंगलो में छोड़ने का। काम करती। हैं जिस से लोगो को किसी भी प्रकार की को प्रॉब्लम न हो सके
दिल्ली में नहीं हैं बन्दरो पकडने वाले दिल्ली में एक बंदर को पकड़ने का बजट को बढ़ाकर 2400 रुपए कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बंदर पकड़ने का काम वन विभाग का होता है लेकिन बंदर पकड़ने का जिम्मा निगम को सौंपा हुआ। चूंकि निगम को बंदर पकड़ने वाले नहीं मिल रहे हैं। इसलिए इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार के पास भेजा गया है कि वह बंदरों की पकड़ने की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपे।।
पुलिस मुख्यालय की नई बिल्डिंग में भी बंदरों का आतंक
नई दिल्ली में बंगला साहिब गुरुद्वारे के पास दिल्ली पुलिस मुख्यालय की नई बिल्डिंग बनाई गई है। इस इलाके में बंदरों की संख्या अधिक होने के कारण बिल्डिंग में कई उपकरण भी नहीं लगा
monkey catcher india